आपका फोन को चार्ज करने की खराब आदत आपके फोन को खराब कर सकती है यह पता है कि आपका फोन चार्ज करना कोई छोटी बात नहीं है और यह सभी को हर दिन करना पड़ता है लेकिन अगर देखा जाए तो अपने फोन को चार्ज करने के बारे में आप कितना जानते हैं हो ?सकता है कि अनजाने में हुई चार्जिंग की गलत आदतें आपका फोन को पहले ही नुकसान महसूस हुआ है आपको पता हो यदि आप उनमें से किसी के भी आदत में पड़ गए हैं या आपको उससे नुकसान हो गया है तो एक बार देख ले बुरी आदत नंबर 1:- सार्वजनिक जगह पर सार्वजनिक चार्जिंग पॉइंट का उपयोग करना देखो बात यह है कि हमको सार्वजनिक चार्जिंग पॉइंट कहां-कहां मिलती है जब हम कहीं घूमने जाते हैं तो रेलवे स्टेशन पर भी मिल सकता है शॉपिंग करने जाते हैं तो मॉल में मिल सकता है हैंडलूम में मिल सकता है ठीक है और भी अन्य सार्वजनिक जगह पर आपको चार्जिंग पॉइंट मिलेंगे लेकिन क्या आप अन्य जगहों पर चार्ज करते हैं तो क्या आपका फोन सुरक्षित है कि आपको सोचना पड़ेगा कभी भी आप कहीं फोन चार्ज करते हैं तो उसके अंदर डबिंग का या तो पॉप का ऐसा आपको अधिसूचना आता है तो आप उसको अप्लाई कर देते हैं लेकिन वह अप
अलबरूनी
महमूद गजनवी के साथ भारत आया था अरबी में लिखी गई उसकी कृति "किताब उल हिंद या तहकीक ए हिंद"(भारत की खोज) आज भी इतिहासकारों के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत है यह एक विस्तृत ग्रंथ है जो धर्म और दर्शन, त्यौहारों, खगोल विज्ञान, कीमिया, रीति-रिवाजों तथा प्रथाओं,सामाजिक जीवन, भार-तोलं तथा मापन विधियों, मूर्तिकला, कानून, मापतंत्र विज्ञान आदि विषयों के आधार पर 80 अध्यायों में विभाजित है इसमें राजपूत कालीन समाज, धर्म, रीति रिवाज, राजनीति आदि पर सुंदर प्रकाश डाला गया है
इब्नबतूता
किसके द्वारा अरबी भाषा में लिखा गया उसका यात्रा वृतांत जिसे रिला कहा जाता है 14 वीं शताब्दी में भारतीय उपमहाद्वीप के सामाजिक तथा सांस्कृतिक जीवन के विषय में बहुत ही प्रचुर तथा सबसे रोचक जानकारियां देता है 1333 ईस्वी सन् में दिल्ली पहुंचने पर इसकी विद्वता से प्रभावित होकर सुल्तान मुहम्मद बिन तुगलक ने उसे दिल्ली का काजी या न्यायाधीश नियुक्त किया
अन्य लेखक
तारा नाथ यह एक तिब्बती लेखक था इसने कंगयूर तथा तंगयुर नामक ग्रंथ की रचना की इनसे भारतीय इतिहास के बारे में जानकारी मिलती है
मार्को पोलो
यह तेरहवीं शताब्दी के अंत में पांडेय देश की यात्रा पर आया था इसका विवरण पांडेय इतिहास के अध्ययन के लिए उपयोगी है
महमूद गजनवी के साथ भारत आया था अरबी में लिखी गई उसकी कृति "किताब उल हिंद या तहकीक ए हिंद"(भारत की खोज) आज भी इतिहासकारों के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत है यह एक विस्तृत ग्रंथ है जो धर्म और दर्शन, त्यौहारों, खगोल विज्ञान, कीमिया, रीति-रिवाजों तथा प्रथाओं,सामाजिक जीवन, भार-तोलं तथा मापन विधियों, मूर्तिकला, कानून, मापतंत्र विज्ञान आदि विषयों के आधार पर 80 अध्यायों में विभाजित है इसमें राजपूत कालीन समाज, धर्म, रीति रिवाज, राजनीति आदि पर सुंदर प्रकाश डाला गया है
इब्नबतूता
किसके द्वारा अरबी भाषा में लिखा गया उसका यात्रा वृतांत जिसे रिला कहा जाता है 14 वीं शताब्दी में भारतीय उपमहाद्वीप के सामाजिक तथा सांस्कृतिक जीवन के विषय में बहुत ही प्रचुर तथा सबसे रोचक जानकारियां देता है 1333 ईस्वी सन् में दिल्ली पहुंचने पर इसकी विद्वता से प्रभावित होकर सुल्तान मुहम्मद बिन तुगलक ने उसे दिल्ली का काजी या न्यायाधीश नियुक्त किया
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तारा नाथ यह एक तिब्बती लेखक था इसने कंगयूर तथा तंगयुर नामक ग्रंथ की रचना की इनसे भारतीय इतिहास के बारे में जानकारी मिलती है
मार्को पोलो
यह तेरहवीं शताब्दी के अंत में पांडेय देश की यात्रा पर आया था इसका विवरण पांडेय इतिहास के अध्ययन के लिए उपयोगी है
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